पीएम मोदी मुकदमेबाजी में फंसी परियोजनाओं का नहीं करेंगे शिलान्यास

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PM Modi said, the crisis is not averted yet

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सूत्र वाक्य रहा है कि हमारी सरकार परियोजनाओं का शिलान्यास ही नहीं करती है, बल्कि उद्धाटन भी करती है। इस छवि को बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा मुकदमेबाजी में फंसी किसी भी परियोजना का शिलान्यास नहीं करने का फैसला किया गया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से इस बाबत 6 जुलाई को सभी केंद्रीय मंत्रालयों को बाकायदा आदेश जारी किया है। इसके मद्देनजर सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 26 जुलाई को एनएचएआई, एनएचएआईडीसीएल, मंत्रालय के संयुक्त सचिव (राजमार्ग), मंत्रालय के समस्त जोनल चीफ इंजीनियर व क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) को कार्यालय ज्ञापन भेजा है।

पीएमओ के आदेश का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि सभी केंद्रीय मंत्रालय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अदालतों में मुकदमेबाजी में फंसी किसी भी परियोजना का शिलान्यस करने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री के पास नहीं भेजा जाएगा। इसका संदेश साफ है कि सरकार की समय पर काम पूरा करने की छवि को बनाए रखा जाए।

पीएमओ ने कहा कि यदि मुकदमा खारिज होता है तो मंत्रालय परियोजना में देरी से लागत बढ़ने का हर्जाना याचिकाकर्ता से वसूलने की अपील करेंगे। प्रधानमंत्री के पास सिर्फ ऐसी परियोजनाओं का शिलान्यास कराने का प्रस्ताव भेजेंगे, जिनका भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है और पर्याप्त जमीन उपलब्ध है।

साथ ही अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से बजट मिल चुका हो। वन एवं पर्यावरण मंजूरी, जन सुविधाएं हटाने आदि की मंजूरी प्रक्रिया पूरी हो चुकी हो। पीएमओ ने सख्ती से कहा है कि परियोजना का डीपीआर अथवा सर्वे करने के दौरान कंसल्टेंट फील्ड का दौरा कर निगरानी करेंगे।

इससे संभावित देरी को टाला जा सके। त्रुटिपूर्ण डीपीआर बनने से परियोजना में देरी होती है, काम समय पर पूरा नहीं होता है और लागत बढ़ती है। पीएमओ ने त्रुटिपूर्ण डीपीआर बनाने वाले कंसल्टेंट की जबावदेही तय करने के आदेश भी दिए हैं।