देश में सबसे ज्यादा मोटापा पांडिचेरी, केरल और दिल्ली में
नई दिल्ली। भागदौड़ भरी जिंदगी और तनाव से जूझते दिल्ली वालों को मोटापा बीमार कर रहा है। नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक अध्ययन के जरिए यह चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही दिल्ली के लोगों ने अपनी जीवनशैली में बदलाव नहीं किए तो आगामी साल या महीने उन्हें काफी बीमार बना सकते हैं।
आईसीएमआर ने 1 दिन पहले इंसुलिन की खोज होने के 100 वर्ष पूरे होने पर इंसुलिन शताब्दी संगोष्ठी का आयोजन किया था। इस दौरान आईसीएमआर और इंडियाबी के अध्ययन को भी प्रस्तुत किया जिसके अनुसार देश में मोटापा सबसे ज्यादा पांडिचेरी, केरल और दिल्ली की आबादी में है। अध्ययन में कहा कि 3 राज्यों में मोटापे का उच्चतम प्रसार पांडिचेरी (45.9), केरल (43.6) और दिल्ली में 41.8 फीसदी मोटापा मिला है।
दिल्ली एम्स के वरिष्ठ डॉ. निखिल टंडन ने कहा कि मोटापा के चलते लोगों में मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। इनकी वजह से न सिर्फ दिल बल्कि कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि मोटापे का असर लंबे समय बाद पता चलता है।
अगर इसमें सुधार नहीं होता है तो आगामी सालों में अस्पतालों पर मरीजों का भार कई गुना अधिक हो सकता है। देश में मधुमेह रोगियों की संख्या शहरी आबादी में 13.3 फीसदी है। जबकि 7.8 ग्रामीण आबादी मधुमेह ग्रस्त है। वहीं मोटापा की बात करें तो शहरी आबादी में 37 और ग्रामीण में 22.8 फीसदी होने की आशंका है।