किसानों से वादा, अब कांग्रेस ने ही खोली पोल
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लाए गए कृषि संबंधी विधेयकों का जबरदस्त विरोध किया जा रहा है। इस बीच कांग्रेस के निलंबित नेता ने कृषि संबंधी बिल पर जो बातें कही है उससे न सिर्फ कांग्रेस खुद को ‘असहज’ महसूस करेगी, बल्कि यह कहीं न कहीं मोदी सरकार के लिए एक बड़ी राहत की बात हो सकती है।
कांग्रेस के निलंबित नेता संजय झा ने दोपहर बाद ट्वीट करते हुए कहा कि कृषि संबंधी बिलों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार वही कर रही थी जिसका कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वादा किया था।
इससे पहले, संजय झा जिनको कांग्रेस ने जुलाई में पार्टी से निलंबित कर दिया था, उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक, 2020 तीन बिलों में से एक यूपीए के इरादे के अनुरूप थे और कांग्रेस की तरफ से लाए गए मल्टी ब्रांड एफडीआई में इससे फायदा होगा। संजय झा ने ट्वीट करते हुए कहा, साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भी अपने घोषणापत्र में एपीएमसी अधिनियम को खत्म करने और कृषि उत्पादों को प्रतिबंधों से मुक्त करने की बात कही थी।’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो वादा अपने घोषणापत्र में किया था, वही मोदी सरकार ने पूरा किया है। संजय झा ने कहा कि इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस एकमत हैं। कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र के 11वें प्वाइंट में कहा था- कांग्रेस कृषि उपज मंडी समितियों के अधिनियम में संशोधन करेगी, जिससे की कृषि उपज के निर्यात और अंतरराज्यीय व्यापार में लगे सभी प्रतिबंध समाप्त हो जाएंगे।
इधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारी विरोध के बीच कृषि संबंधी तीनों बिलों के लोकसभा से पारित होने के बाद कहा कि किसानों के एमएसपी और सरकारी खरीद जैसी सुविधाएं मिलती रहेंगी। उन्होंने कहा कि इसको लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं।