नीरज चोपड़ा के पुराने ट्वीट शेयर कर राहुल ने कसा पीएम पर तंज
पानीपत। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल दिलाकर भारत का नाम रोशन करने वाले नीरज चोपड़ा के कुछ पुराने ट्वीट्स को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि खिलाड़ियों को बधाई के साथ-साथ उनका हक़ भी मिलनी चाहिए, ना कि खेल बजट में कटौती। फ़ोन कॉल का वीडियो बहुत हुआ, अब इनाम की राशि भी दो! राहुल गांधी ने नीरज चोपड़ा के पुराने ट्वीट्स की फोटो भी अपनी पोस्ट के साथ शेयर की है।
उन्होंने लिखा है कि ओर आपने जो खिलाड़ियों को इनाम राशि देने का वादा किया था कृपया उसे पूरा करें ताकि हम इन चीजों से ध्यान हटाकर अपना पूरा फोकस आने वाले ओलिंपिक खेलों पर लगा सकें और अपने देश व राज्य का नाम रोशन कर सकें। नीरज चोपड़ा का एक और पुराना ट्वीट उन्होंने शेयर किया है जिसमें नीरज ने लिखा है कि सर जब हम मेडल जीतकर आते हैं तो पूरा देश खुश होता है और आप भी गर्व से कहते हैं कि हमारे हरियाणा के खिलाड़ी हैं।
हरियाणा के खिलाड़ियों ने खेल जगत में अपनी अलग से छाप छोड़ी है, दूसरे राज्य भी हरियाणा की मिसाल देते हैं। कृपया करके इस मिसाल को कायम रहने दीजिए। इन दोनों ट्वीट्स को पढ़ने के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत को गोल्ड दिलाने वाले नीरज चोपड़ा खुद किन परेशानियों से जूझ रहे थे। राहुल गांधी ने इसी को लेकर सरकार पर तंज किया है कि वीडियो बहुत हो गया अब इनाम की राशि भी दो। दरअसल, पीएम मोदी ने ओलिंपिक में हिस्सा लेनेवाले कई खिलाड़ियों से फोन पर बात करके बधाई दी है।
भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम भी इसमें से एक है। पीएम मोदी ने नीरज चोपड़ा के जीतने पर उन्हें भी फोन करके बधाई दी। उन्होंने नीरज चोपड़ा से कहा कि बहुत-बहुत बधाई आपको। ओलिंपिक समापन की दिशा में जा रहा है और आपने देश को खुश कर दिया। इस पर नीरज ने कहा कि ”गोल्ड जीतना अच्छी बात है। भारत वासी जो देख रहे थे, उनकी बहुत दुआएं और सपोर्ट मेरे साथ था।
उसी ने मुझे यहां तक पहुंचाया। पीएम मोदी ने कहा कि ”पानीपत ने पानी दिखा दिया।बता दें कि भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को ओलिंपिक में पहले एथलेटिक्स स्वर्ण पदक पाने के भारत के इंतजार को खत्म करके इतिहास रचा है।
हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव के एक किसान के बेटे 23 वर्षीय नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंककर दुनिया को स्तब्ध कर दिया और भारतीयों को जश्न में डुबा दिया। एथलेटिक्स में पिछले 100 वर्षों से अधिक समय में भारत का यह पहला ओलंपिक पदक है।