रेलमंत्री अश्विनी बोले, रेलवे के निजीकरण का योजना नहीं

Ministry will adopt zero tolerance policy against corrupt personnel: Railway Minister Ashwini Vaishnav

नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार की भारतीय रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। रेल मंत्री ने संसद में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को जवाब देते हुए यह बात कही, जिन्होंने बुधवार को कहा था कि केंद्र सरकार को भारतीय रेलवे के निजीकरण के विचार को छोड़ देना चाहिए। वैष्णव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि रेलवे के जरिए हर साल करीब 800 करोड़ लोग यात्रा करते हैं। वहीं, रेलवे का लक्ष्य 1000 करोड़ लोगों को यात्रा कराने का है। विपक्षी को जवाब देते हुए वैष्णव ने सभी राज्यों को रेलवे के बेहतर संचालन के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करने को कहा।

कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि रेलवे में लगभग 2.65 लाख पद खाली पड़े हुए हैं। खड़गे ने कहा कि 3.18 लाख लोग दैनिक वेतन पर कार्यरत हैं और 9.67 लाख पद नियमित हैं। कांग्रेस नेता ने बुलेट ट्रेन पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने 2022 में शुरू करने की बात कही थी लेकिन परियोजना धीमी गति से आगे बढ़ रही है।

रेल मंत्री ने जापान की बुलेट ट्रेन का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी नई तकनीकों को पेश करने में समय लिया है। ई-5 तकनीक 2011 में आई थी जो कि जापानी हाई स्पीड ट्रेन का हिस्सा है। विश्व स्तरीय स्टेशनों की बात करते हुए वैष्णव ने कहा कि केंद्र सरकार ‘वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट’ की दिशा में काम कर रही है और पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हर जोन में एक स्टेशन पर काम शुरू हो गया है। वैष्णव ने कहा, ‘हमने 2019 में पहली वंदे भारत ट्रेनें शुरू कीं। आमतौर पर ऐसी विश्व स्तरीय ट्रेनों को लाने में 4 से 7 साल लगते हैं, लेकिन हमने उन्हें दो साल में पेश कर दिया।