वायुसेना की ट्रेनिंग अकादमी में रेप: एयर चीफ मार्शल ने बताया, महिला की टू फिंगर जांच की गई थी

नई दिल्‍ली। कोयंबटूर में स्थित वायुसेना की ट्रेनिंग अकादमी में महिला अफसर के साथ कथित तौर पर हुई रेप की घटना पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को प्रतिक्रिया दी। उन्‍होंने पीड़िता के टू फिंगर टेस्ट के दावे को गलत बताकर कहा कि ऐसा कोई भी टेस्‍ट नहीं किया गया। देश को झकझोर देने वाली इस घटना के संबंध में वायुसेना प्रमुख ने इससे इनकार किया कि महिला की टू फिंगर जांच की गई थी, जो कि यौन शोषण का पता लगाने के लिए प्रारंभिक और अवैज्ञानिक जांच है।

प्रशिक्षण अकादमी में एक साथी महिला अधिकारी के साथ कथित रूप से बलात्कार के आरोप में एक वायुसेना अधिकारी को गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद भारतीय वायुसेना को फ्लाइट लेफ्टिनेंट का कोर्ट मार्शल करने की कार्रवाई करने की अनुमति दी गई थी। वायुसेना और तमिलनाडु पुलिस के बीच क्षेत्राधिकार के विवाद के मद्देनजर अदालत ने वायुसेना को अपने अधिकारी के खिलाफ जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दी थी।

हाल ही में वायुसेना ने कोयंबटूर की एक कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर इजाजत मांगी थी कि उसे फ्लाइट लेफ्टिनेंट के कोर्ट मार्शल करने दें। इसके साथ ही वायुसेना ने तमिलनाडु पुलिस से आग्रह किया था कि उस जेल में ना डाला जाए। पीड़िता की ओर से शिकायत दर्ज कराने के बाद 26 सितंबर को तमिलनाडु पुलिस की ऑल वीमेन टीम ने वायुसेना के अफसर को गिरफ्तार किया था।

आरोप है कि छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग के रहने वाले इस अफसर ने ट्रेनिंग अकादमी में इंडक्‍शन प्रोग्राम के दौरान घटना को अंजाम दिया था। महिला ने दावा किया था कि कुछ वायुसेना अफसर उसपर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। कोयंबटूर पुलिस को दी गई शिकायत में महिला का कहना है कि 9 सितंबर को फ्लाइट लेफ्टिनेंट द्वारा उसके क्वार्टर में उसके साथ बलात्कार किया था।

एफआईआर की कॉपी के मुताबिक महिला ने जब अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया,तब कुछ अधिकारियों ने उसकी मानसिक हालत पर सवाल उठाकर उसके आरोपों को खारिज कर दिया। महिला ने कहा, मैं बीमार महसूस कर रही थी, मेरा दर्द अधिकारियों के रवैये और इस तथ्य को जानने से तेज हो गया था कि मेरा बलात्कारी मुक्त हो जाने वाला था।

मुझे लगभग 2:30 बजे पैनिक अटैक आया और मुझे वायुसेना अस्‍पताल ले जाना पड़ा।मुझे नींद न आने के कारण गोलियां दी गईं और मुझे सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी। मुझे एक दिन का आराम दिया गया…’ एफआईआर में महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि उसे इलाज देने के प्रभारी सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने उस पर अपनी शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डाला।