सिंध का भारत में न होने का है दुख: आडवाणी

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नई दिल्ली। एक बार फिर भाजपा के वयोवृद्ध नेता और मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लालकृष्ण आडवाणी ने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की वकालत की है और सिंध हिस्से का भारत में न होने पर दुख जताया है। उन्होंने अपने जन्मस्थल सिंध के बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले जाने का दुख भी बयां किया।

आडवाणी ने दिल्ली में आयोजित इंडिया फाउंडेशन अवेयरनेस प्रोग्राम के दौरान कहा कि मैं किसी देश का नाम नहीं लेना चाहूंगा लेकिन एशिया में कुछ देश ऐसे हैं निसे भारत को संबंध सुधारने की जरूरत है। अगर ऐसा होता है तो मुझे खुशी होगी। उन्होंने कहा कि जहां मेरा जन्म हुआ है वह सिंध है और आज वह भारत का हिस्सा नहीं है। मुझे इस बात का दुख है। इस मौके पर बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना भी मौजूद थीं।

भाजपा वयोवृद्ध नेता आडवाणी इससे पहले भी कहा चुके हैं सिंध के बिना भारत अधूरा है। आडवाणी का जन्म कराची में एक सिंधी परिवार में हुआ था। कराची के साथ आडवाणी की यादें जुड़ी है और वह उनका सबसे पसंदीद शहर है। इस बात को वह कई बार जाहिर कर चुके हैं।

गौरतलब है कि आडवाणी ने इस साल की शुरुआती महीने जनवरी में भी सिंध को याद किया था। प्रजापति ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु पिताश्री ब्रह्मा के ४८वें अधिरोहण समारोह में आडवाणी ने अपना दुख जाहिर करते हुए कहा था कि मैं दुखी होता हूं यह सोचकर कि सिंध और कराची अब भारत का हिस्सा नहीं रहे।

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