भारत की ओर तालिबान ने बढ़ाया दोस्ती का हाथ
नई दिल्ली। तालिबान की कथनी और करनी में फर्क होगा या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, मगर अभी जो उसने कहा है, वह भारत के लिहाज से सुखद खबर है। तालिबान ने कहा है कि अफगान की धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होगा। तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद भारत को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की अटकलों पर मंगलवार को विराम लगा दिया।
कतर की राजधानी दोहा में भारतीय राजदूत से हुई बातचीत में तालिबान नेता शेर मोहम्मद स्टेनेकजई ने भरोसा दिलाया कि अफगान सरजमीं का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होने दिया जाएगा। स्टेनेकजई दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख है। वह 1980 के दशक में भारतीय सैन्य अकादमी से जुड़ा रह चुका है।
रविवार को उसने भारत से सार्वजनिक रूप से आर्थिक एवं व्यापारिक रिश्ते बहाल करने का आह्वान किया था। बीते दो दिनों में स्टेनेकजई ने नई दिल्ली और दोहा, दोनों ही जगहों पर भारतीय नेतृत्व तक पहुंच बनाने की सार्थक कोशिश की। उसने बीते दो दशक में अफगानिस्तान के विकास में भारत की सकारात्मक भूमिका को भी सराहा है।
स्टेनकजई के साथ हुई बैठक में कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागिरकों की जल्द वापसी और भारत आने के इच्छुक अफगान नागरिकों, खासतौर पर अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने आतंकवाद को लेकर भारत की चिंता भी जाहिर की।
मित्तल ने कहा कि अफगान सरजमीं का इस्तेमाल किसी भी रूप में भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए। इस दौरान स्टेनेकजई ने आश्वासन दिया कि तालिबान भारत की ओर से उठाए गए मुद्दों पर सकारात्मक रूप से कार्रवाई करेगा। तालिबान अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन की शुक्रवार को घोषणा करेगा।
तालिबान सैन्य आयोग से जुड़े एक सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्र ने बताया कि नई सरकार के गठन की घोषणा शुक्रवार को जाएगी, लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि उस सरकार में कौन कौन शामिल होगा और उसका क्या स्वरूप होगा।