देश ने बागवानी क्षेत्र में का कुल उत्‍पादन 320 मिलियन टन

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत ने बागवानीके क्षेत्र और बागवानी उत्पादों के निर्यात में काफी प्रगति की है। भारत में उत्‍पादित बागवानी फसलों की विदेशों में मांग बढ़ रही है। भारतीय आम, अनार, अंगूर, केला, संतरा, लीची, अमरूद, पपीता, अनानास, चीकू, शरीफा आदि फल तथा सब्जियों में प्‍याज, टमाटर, आलू, हरी-मिर्च, भिण्‍डी, बैंगन आदि का निर्यात यूरोपीयन देश, अमेरिका, यू.के., यू.ए.ई., ओमान, नीदरलैण्‍ड तथा सार्क देशों में किया जा रहा है। तोमर ने कन्फेडरेशन आफ हार्टिकल्चर एसोसिएशन आफ इंडिया द्वारा आयोजित वेबिनारका मुख्य अतिथि के रूप में शुभारंभ करते हुए यह बात कही।

संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित फल-सब्जियों के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष-2021 के उपलक्ष्य में,स्वास्थ्य व आजीविका के लिए फल-सब्जियों के उत्पादन और उपयोग में नए प्रतिमान विषय पर आयोजित वेबिनार में तोमर ने कहा किआज हम खाद्यान्‍न के क्षेत्र में न केवल आत्‍मनिर्भर है, बल्कि निर्यात भी करते है।

इस उपलब्धि में अन्‍नदाताओं का कठिन परिश्रम, वैज्ञानिकों की मेहनत एवं देश की कृषि सम्‍मत नीतियों का बड़ा योगदान है। आज देश में खाद्यान्‍न का उत्‍पादन लगभग 295 मिलियन टन है। देश ने दुग्‍ध उत्‍पादन में भी अभूतपूर्व प्रगति करते हुए विश्‍व में प्रथम स्‍थान हासिल करने में सफलता प्राप्‍त की है। मछली व पोल्‍ट्री उत्‍पाद में भी काफी बढ़ोत्‍तरी हुई है।

भारत ने बागवानी फसलों के उत्‍पादन में विश्‍व परिदृश्‍य में एक बड़े मुकाम को हासिल कर लिया है। बागवानी फसलों का कुल उत्‍पादन 320 मिलियन टन हो गया है।इस उपलब्धि में राष्ट्रीयबागवानी मिशन का भी योगदान है। उन्होंने कहा कि हमारा देश विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों की उपलब्धता वाला समृद्ध राष्ट्र है,जहां पौधों के आनुवंशिक संसाधनों की विशाल विविधता के रूप में राष्ट्रीय धरोहर मौजूद है।

आम, केला, पपीता, अमरूद एवं भिण्‍डी का उत्‍पादन विश्‍व में, भारत में अव्वल है तथा आलू, बैंगन, प्‍याज, फूल-गोभी व पत्‍ता-गोभी उत्‍पादन में देश दूसरे स्‍थान पर हैं। मुख्य रूप से गुणवत्‍तायुक्‍त उन्‍नत किस्‍मों के बीज एवं पौध सामग्री का प्रयोग, सघन बागवानी प्रणाली, बूंद-बूंद सिंचाई, समेकित पोषण प्रबंधन, समेकित कीट-व्‍याधि प्रबंधन, मूल्‍य संवर्धन, संरक्षित खेती आदि के कारण बागवानी फसलों के उत्‍पादन में बढ़ोत्‍तरी हुई है।