कपिल सिब्बल के बयान से मचा घमासान कांग्रेस में है दो फाड़
नई दिल्ली। पंजाब में घमासान पर असंतुष्ट नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए जाने को लेकर कांग्रेस दो हिस्सों में बंट गई है। पार्टी के असंतुष्ट नेता जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के घर पर हुए हमले की निंदा कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिब्बल के पार्टी नेतृत्व के बारे में दिए बयान पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि उन्हें इससे बचना चाहिए था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा सहित कई असंतुष्ट नेताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के घर के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन की निंदा की है। उन्होंने इसे सुनियोजित उपद्रव करार देते हुए इसमें शामिल कार्यकर्ताओं के खिलाफ फौरन सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
आजाद ने कहा कि पार्टी में हर जगह से मिलने वाले सुझावों का स्वागत करना चाहिए। आनंद शर्मा ने ट्वीट किया, कपिल सिब्बल के घर पर हमला और उपद्रव के बारे में सुनकर स्तब्ध और आहत हूं। इसकी कड़ी भर्त्सना की जानी चाहिए। लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने भी ट्वीट कर कहा कि कपिल सिब्बल के आवास के बाहर कल रात हुए सुनियोजित उपद्रव की निंदा करता हूं।
इस हमले के जो सूत्रधार है, उन्हें समझ लेना चाहिए सिब्बल अदालत के बाहर और अंदर पार्टी के लिए लड़ते हैं। दूसरी तरफ, भूपेश बघेल ने कहा कि कपिल सिब्बल हमारे वरिष्ठ नेता और वकील हैं। उनका इस तरह का बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है। बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सभी ने सोनिया गांधी को स्वीकार किया है।
कुछ माह पहले चुनाव का ऐलान भी हुआ था, पर कोरोना के कारण स्थगित किया गया। बघेल से पहले टीएस सिंहदेव सहित पार्टी के कई दूसरे नेताओं ने कपिल सिब्बल के बयान पर सवाल उठाए थे। इन नेताओं की दलील थी कि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी है। ऐसे में पार्टी में जो भी फैसले हो रहे हैं, वह पार्टी अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी कर रही हैं।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेता को पता नहीं है कि पार्टी का अध्यक्ष कौन है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी नेताओं को आंतरिक मामलों को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को दुख पहुंचता है। कांग्रेस विचार व्यक्त करने के लिए पर्याप्त स्वतंत्रता देती है, लेकिन आंतरिक मामलों को उचित मंच पर ही उठाया जाना चाहिए।
खेड़ा ने कहा, करोड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता इस तरह की हरकतों के कारण पीड़ा महसूस कर रहे हैं। अगर आपका पारिवारिक विवाद होता है, तब आप इसे आंतरिक रूप से सुलझाना पसंद करेंगे या अपने पड़ोसी की छत पर जाकर इसके बारे में बात करेंगे? अनुशासन होना चाहिए, जो एक परिवार, एक संगठन और एक देश को चलाने के लिए आवश्यक है।