ये पहला अवसर है जब CRPF अपना स्थापना दिवस दिल्ली से बाहर मना रहा है: गृहमंत्री शाह
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज जम्मू में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के 83वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने परेड का निरीक्षण भी किया। समारोह में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। ये पहला अवसर है जब सीआरपीएफ़ अपना स्थापना दिवस दिल्ली से बाहर मना रहा है।
गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने एक निर्णय किया है कि सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ़) की वार्षिक परेड देश के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित की जाएगी। इसके पीछे उद्देश्य है कि देश की सीमाओं की सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा में लगे सभी सीएपीएफ़ संगठन अलग-अलग हिस्सों में जाकर देश की जनता के साथ आत्मीय संबंध बनाएं और देश की संस्कृति के साथ घुलमिल कर अपने आप को सदैव ड्यूटी के लिए समर्पित करें। इसी के तहत सीआरपीएफ़ की वार्षिक परेड आज ऐतिहासिक शहर जम्मू में आयोजित की गई है।
अमित शाह ने कहा कि इसी भूमि से पंडित प्रेमनाथ डोगरा और श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर को भारत का अटूट हिस्सा बताते हुए एक देश में दो प्रधान, दो निशान और दो विधान नहीं चलेंगे, इस पर आंदोलन किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज श्यामाप्रसाद मुखर्जी और पंडित प्रेमनाथ डोगरा, दोनों का एक प्रधान, एक निशान और एक विधान का स्वप्न पूरा हुआ है।
गृहमंत्री ने कहा कि सीआरपीएफ़ की स्थापना से लेकर आज तक 2340 सीआरपीएफ़ कर्मियों ने बलिदान दिया है। पहले देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हुए और बाद में देश की आंतरिक सुरक्षा करते हुए, नक्सलवाद, आतंकवाद से लड़ते हुए और दंगों से निपटते हुए बलिदान देने वाले उन सभी सीआरपीएफ़ जवानों को पूरे देश की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि देना चाहता हूं। देश का इतिहास जब भी लिखा जाएगा इन 2340 कर्मियों का बलिदान स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। आज जिन्हें मरणोपरांत पुरस्कार मिले हैं, उनके परिजनों से मैं कहना चाहता हूं कि आपके बेटे, पति, भाई की शहादत कभी विफल नहीं जाएगी और ये देश युगों-युगों तक उनकी शहादत को याद रखेगा।