कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए लगाना होगा सख्त लॉकडाउन
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर को काबू करने के लिए अभी तक उठाए गए कदम असरदार साबित होते नहीं दिख रहे हैं। हर दिन केस में वृद्धि देखने को मिली रही है। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब सख्त लॉकडाउन की एक मात्र उपाय बचा है। ऐसा ही कुछ दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का भी मानना है। रणदीप गुलेरिया ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर को काबू करने के लिए पिछले साल की तरह सख्त लॉकडाउन लगाना होगा।
रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत का हेल्थ स्ट्रक्चर सीमा तक फैल चुका है और सख्त लॉकडाउन की जरूरत है जैसा पिछले साल मार्च में लगाया गया था। खासकर उन इलाकों में जहां पर पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है। इसके साथ-साथ गुलरेलिया ने कहा कि यूपी, महाराष्ट्र, हरियाणा समेत कई राज्यों में लगाए गए नाइट कर्फ्यू और विकेंड लॉकडाउन ज्यादा असरदायक साबित नहीं हुए हैं।
उन्होंने दिल्ली में एक डॉक्टर की मौत को व्यक्तिगत क्षति बताया। बता दें कि शनिवार को दिल्ली के बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने के बाद कुल 12 लोगों ने दम तोड़ दिया, जिसमें एक डॉक्टर भी शामिल थे। ऐसी घटनाओं पर गुलेरिया ने कहा कि यह सब लगातार बढ़ रहे मामलों की की वजह से हैं। हमें इस संख्या को कम करने के लिए आक्रामक तरीके से काम करना होगा। दुनिया में कोई भी स्वास्थ्य स्ट्रक्चर इस तरह के भार को मैनेज नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें संख्त कंटेनमेंट या फिर लॉकडाउन या जो भी संभव हो करना चाहिए।