UIDAI आधार नहीं बनवाने वाला अपराधी नहीं- SC

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड को इनकम टैक्स से जोड़ने के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार ने कहा कि आधार कार्ड अनिवार्य है और जो लोग जानबूझकर आधार नहीं बनवा रहे वो एक तरह से अपराध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप ये नहीं कह सकते कि जिन्होंने आधार नहीं बनवाया वो अपराध कर रहे हैं।
असलियत में वो आधार कानून को चुनौती दे रहे हैं और कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आज आधार डाटा लीक की खबर आई है। इस पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ये डाटा यूआईडीएआई से लीक नहीं हुआ।
केंद्र ने कहा कि ये डाटा दूसरे सरकारी विभागों से लीक हुआ है, जिन्हें आधार डाटा को पारदर्शी और सुरक्षित रखने में दिक्कत हो रही है। केंद्र
ने कहा कि आधार डाटा पूरी तरह सुरक्षित है, क्योंकि इसे यूआईडीएआईने घ्ऊ एक्ट के तहत क्रिटिकल इंफास्ट्रक्चर की श्रेणी में रखा है।
कोई भी टेक्नोलॉजी १०० फीसदी फुलप्रूफ नहीं होती। वहीं, याचिकाकर्ता ने कहा कि एक तरफ यूआईडीएआई कहता है कि आधार स्वैच्छिक
है तो दूसरी तरफ एजी कहते हैं कि ये अनिवार्य है। हम नहीं चाहते कि २४ घंटे कोई हम पर नजर रखे।
उल्लेखनीय है कि अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि आधार कार्ड स्वैच्छिक नहीं बल्कि अनिवार्य है। केंद्र सरकार आधार कार्ड को किसी भी योजना में लागू कर सकती है।
आधार एक्ट के सेक्शन ७ में ये साफ है कि आधार विभिन्न कामों के लिए अनिवार्य है, लेकिन याचिकाकर्ता इसे समझ नहीं रहे। आधार कार्ड पहचान संबंधी फ्राड से बचने के लिए है। ये आधुनिक तरीका है, जिसमें फिंगर प्रिंट ली जाती है और डाटा सुरक्षित तरीके से स्टोर किया है।

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