हमें अफगानिस्तान से सबक लेने की जरूरत है: मोदी

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नई दिल्ली। शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के समय में इस्लाम से जुड़ी सहिष्णु और समावेशी संस्थाओं और परंपराओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने एससीओ के सभी सदस्य देशों से इस दिशा में काम करने का आह्वान किया।

पीएम मोदी ने कहा कि हमें अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम से सबक लेने की जरूरत है। अफगानिस्तान में हाल के दिनों में सामने आई चुनौती को हम सभी लोगों ने बहुत ही स्पष्ट रूप से महसूस किया है। पीएम मोदी ने कहा कि SCO की 20 वर्षगांठ इस महत्वपूर्ण विषय पर विचार विमर्श के लिए सबसे उपयुक्त अवसर है। इस पर विचार करके एक ऐसी रणनीति बनाई जानी चाहिए, जो शांतिपूर्ण भविष्य की बुनियाद रख सके।
उन्होंने नए साझेदार के रूप में सऊदी अरब, मिस्र और कतर का स्वागत किया। मैं एससीओ के नए सदस्य के रूप में ईरान का स्वागत करता हूं। एससीओ की 20 वर्षगांठ पर इन नए सदस्यों और इनके संगठन से जुड़े से पैदा होने वाली संभावनाओं का स्वागत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं भारत की ओर से अपने तजिक भाई-बहनों का स्वागत करता हूं।

ताजिकिस्तान के दुशांबे में आयोजित होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में अफगान संकट, क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग और संपर्क सहित अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहले ही दुशांबे पहुंच चुके हैं। शिखर बैठक के बाद संपर्क बैठक का आयोजन किया जाएगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया इसके अलावा क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग और संपर्क सहित अन्य मुद्दों पर भी शिखर सम्मेलन में चर्चा की जाएगी। एससीओ परिषद के सदस्य देशों के प्रमुखों की 21वीं बैठक की अध्यक्षता ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान कर रहे हैं। पीएम मोदी ने विडियो लिंक के जरिए शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित किया। भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर दुशांबे पहुंच चुके हैं।

एससीओ की शिखर बैठक में सदस्य देशों के नेताओं के अलावा पर्यवेक्षक देश, संगठन के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक ढांचे के कार्यकारी निदेशक, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति एवं अन्य आमंत्रित अतिथि हिस्सा ले रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि पहली बार एससीओ शिखर बैठक में हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित की जा रही है। यह चौथी शिखर बैठक है जिसमें भारत एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में हिस्सा ले रहा है। हाईब्रिड प्रारूप के तहत आयोजन के कुछ हिस्से को डिजिटल आधार पर और शेष हिस्से को आमंत्रित सदस्यों की भौतिक उपस्थिति के माध्यम से संपन्न किया जाएगा।