हम किसी भी चुनौती से निपटने के लिए अपनी सेना को मजबूत करते रहेंगे: राजनाथ
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन का दौरा किया। रक्षा मंत्री को डीएसएससी में दी जा रही पेशेवर सैन्य शिक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने संस्थान में भारत तथा विदेश के युवा अधिकारियों के प्रशिक्षण में किए गए परिवर्तनकारी परिवर्तनों तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए उन्हें प्रदान की जाने वाली पेशेवराना सैन्य शिक्षा को जोड़ने की प्रशंसा की।
उन्होंने सशस्त्र बलों के अधिकारियों के साथ भी बातचीत की। इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और लेफ्टिनेंट जनरल एमजेएस कहलों मौजूद थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा किए गए सुधारों के कारण देश दुनिया की बदलती सुरक्षा स्थितियों का सामना करने के लिए तैयार है, साथ ही उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सशस्त्र बलों को हर समय पूरी तरह से सुसज्जित और तैयार रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “हम अपनी सेना को मजबूत करना जारी रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि बदलते वैश्विक सुरक्षा माहौल से उत्पन्न होने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हम एक कदम आगे रहें। रक्षा मंत्री ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति और सैन्य मामलों के विभाग की स्थापना सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।
उन्होंने कहा, “सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों ने हमारे सशस्त्र बलों को सीधे शासन प्रणाली से जोड़ा है क्योंकि अब उनकी सभी प्रक्रियाओं में प्रत्यक्ष भागीदारी है। सीडीएस की नियुक्ति ने जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी को स्थिरता प्रदान की है क्योंकि अब रक्षा एवं सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार के लिए एक स्थायी और एकल बिंदु सलाहकार है।
संयुक्त कमान के गठन पर राजनाथ सिंह ने इस निर्णय को एक और बड़ा ढांचागत सुधार बताया जिसकी प्रगति तेजी से हो रही है। उन्होंने कहा, “एकीकृत थिएटर कमांड के गठन के साथ सशस्त्र बलों को संयुक्त रूप से लड़ने के लिए एकीकृत अभियानगत अवधारणाओं व सिद्धांतों को विकसित करना होगा। मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर मंथन के लिए डीएसएससी एक अच्छा मंच साबित हो सकता है।
रक्षामंत्री ने सेना मुख्यालय के पुनर्गठन को रक्षा संरचनात्मक सुधारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। “हमारी सेना के टीथ टू टेल रेशो को बढ़ाने का उद्देश्य निर्णय लेने में विकेंद्रीकरण लाना तथा भविष्य के दृष्टिकोण से चुस्त सैन्य बल बनाना है। डिप्टी चीफ ऑफ स्ट्रैटेजी के तहत ‘डीजीएमओ’ और ‘डीजीएमआई’ का एकीकरण ऐसा ही एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मुख्यालय स्तर पर यह एकीकरण हमारी अभियानगत योजना में बहुत सटीकता लाएगा।