रेलवे ट्रैक के आप-पास सेल्फी लेने पर होगी जेल
नई दिल्ली। अगर आप रेलवे ट्रैक या उसके पुल पर सेल्फी लेने का प्लान बना रहे है तो सतर्क हो जाए क्योंकि ऐसा करना रेलवे नियम के हिसाब से अपराध की श्रेणी में आएगा और आप के सजा हो सकती है। दरअसल, पिछले दिनों गुरुग्राम में रेल की पटरी पर सेल्फी लेते 4 युवकों की ट्रेन से कटने से मौत और बंगाल के मिदनापुर में कोसी नदी के रेलवे ब्रिज पर सेल्फी क्लिक करने की कोशिश करते 2 युवकों की ट्रेन की चपेट में आने से हुई मौत जहां रेल मंत्रालय के लिए चिंता का विषय है, वहीं, रेल संगठन भी इस बाबत रेलवे बोर्ड को पत्र लिख ठोस फैसला लेने की मांग करने वाले हैं, ताकि सेल्फी लेते लोगों पर कार्रवाई की जा सके और ऐसी दुर्घटनाओं पर लगाम लग सके।
वैसे रेल अधिनियम 1989 के तहत पटरी या उसके किनारे सेल्फी लेना सरासर अपराध है। इस बारे में रेलवे का कानून क्या कहता है और कितना सजा व जुर्माने का प्रावधान है।
रेल अधिनियम, 1989 की धारा 145 और 147 के तहत रेल की पटरी या किनारे सेल्फी लेना दंडनीय अपराध है। ऐसा करने पर 1000 रुपए का ज़ुर्माना या साथ में 6 महीने की जेल भी हो सकती है। दरअसल, अधिनियम की धारा 145 (मत्तता या बाधा) कहती है कि जानबूझकर या किसी प्रतिहेतु के बिना रेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई किसी सुख-सुविधा में बाधा डालेगा, जिससे किसी यात्री की आरामदायक यात्रा में प्रभाव पड़ता हो, तो वह किसी रेल सेवक द्वारा हटाया जा सकेगा और उसके पास या टिकट के समपहरण के अतिरिक्त कारावास से, जो छह मास तक का हो सकेगा और जुर्माने से दंडनीय होगा।
वहीं, रेल अधिनियम, 1989 की धारा 147 (अतिचार और अतिचार से प्रतिविरत रहने से इंकार करना) में प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति किसी रेल पर या उसके किसी भाग में विधिपूर्ण प्राधिकार के बिना प्रवेश करेगा या ऐसे भाग में विधिपूर्ण रूप से प्रवेश करने के पश्चात ऐसी संपत्ति का दुरुपयोग करेगा या वहां जाने से इनकार करेगा, तो वह कारावास से, जिसकी अवधि छह महीने तक की हो सकेगी या जुर्माने से जो एक हजार रुपये तक का हो सकेगा, दोनों से दंडनीय होगा।
इस तरह रेल के कानून के तहत किसी भी रेल संपत्ति में बिना इजाजत प्रवेश करने और रेल परिचालन में बाधा डालने वाले इस अपराध के तहत बाकायदा सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इसी क्रम में कल रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने दिल्ली के शकुरबस्ती में रेलवे लाइन को पार करने के खिलाफ अभियान चलाया। इसमें 100 से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके चालान काटे गए।
रेल संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) के प्रवक्ता एसएन मलिक कहते हैं कि सरकार की तरफ से बुलेट ट्रेन पर पैसा बहाने के बजाए भारतीय रेल की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किए जाना चाहिए। उनका कहना है कि शहरी, आबादी वाले क्षेत्रों में रेलवे लाइन के दोनों तरफ दीवार या फेंसिंग लगाई जानी चाहिए। इससे रेलवे संपत्ति में ट्रेसपास की घटनाओं में कमी आ सकेगी और इस तरह की दुर्घटनाएं भी कम होंगी। हमारी ओर से जल्द ही इस बाबत बोर्ड को चिट्ठी लिखी जाएगी।