वियाग्रा के अत्याधिक डोज से नपुंसकता की कगार पर पहुंचा युवक, डॉक्टरों ने किया दुर्लभ आपरेशन

प्रयागराज। प्रयागराज में वियाग्रा के अत्याधिक डोज ने 28 वर्षीय युवक की जिंदगी विवाह के चंद दिनों बाद ही नारकीय बना दी। राहत यह थी कि डाक्टरों ने इस केस को चुनौती के रूप में लिया और दुर्लभ पेनाइल प्रोस्थेसिस ऑपरेशन करके उसे मानो नई जिंदगी दे दी। जल्द ही युवक फिर से सामान्य ढंग से जीवन जीने लगेगा। अब पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।

मंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) में यूरोलाजी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने करीब ढाई घंटे तक आपरेशन कर ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो चिकित्सा जगत में दुर्लभ माना जाता है। इस ऑपरेशन के बाद नपुंसकता से परेशान लोगों के लिए भी अब नई उम्‍मीद जगी है।

नपंसुक होने की कगार पर पहुंच चुके इस युवक के लिए मुंबई के डॉ रूपिन शाह ऑपरेशन फॉर्मूले को अपनाया गया। ऐसा ऑपरेशन प्रयागराज में पहली हुआ। इससे नपुंसकता का अभिशाप झेल रहे अन्य लोगों के लिए भी उम्मीद जग गई है।
इस ऑपरेशन की सफल होने से सुपर स्पेश्यलिटी ब्लॉक स्थित यूरोलाजी विभाग के अध्यक्ष डॉ दिलीप चौरसिया टीम की काफी गदगद है।

उन्होंने बताया कि युवक ने दो माह पहले संपर्क किया था। उसका विवाह करीब तीन माह पहले ही हुआ है। पेशेंट वियाग्रा का सेवन पहले से करता था और शादी के बाद डोज बढ़ा दी। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि शारीरिक संबंध बनाने की उसकी क्षमता खत्म हो गई। उसका स्खलन बंद हो गया। डॉ चौरसिया बताते हैं, इसका कारण यह था कि युवक ने वियाग्रा की 200 मिलीग्राम डोज ले ली थी।

आमतौर पर यह 25 से 30 मिलीग्राम लेनी चाहिए वह भी डाक्टरों की सलाह पर। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान युवक के गुप्तांग में पेनाइल प्रोस्थेसिस प्रत्यारोपित किया गया। इसे दिल्ली से मंगाया गया था, इसकी कीमत 35 हजार रुपये है। मरीज की हालत अब ठीक है और अगले एक सप्ताह बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। यूरोलाजी विभाग के अध्यक्ष डॉ दिलीप चौरसिया का दावा है कि ऐसा ऑपरेशन उत्तर भारत में फिलहाल नोएडा के ही एक-दो चिकित्सक कर पाते हैं। वाराणसी अथवा लखनऊ में ऐसे ऑपरेशन की जानकारी उन्हें नहीं है।

दरअसल यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब लड़के ने अपनी यौन शक्ति को लेकर दोस्तों से सलाह ली। उनकी सलाह पर उसने 25-30 मिलीग्राम वियाग्रा खाना शुरू किया, लेकिन लड़के को इससे भी सेक्सुअल संतुष्टि नहीं मिल पा रही थी तो एक दिन उसने वियाग्रा की खूब सारी गोलियां खा ली। करीब 200 मिलीग्राम विराग्रा खाने से लड़के के गुप्तांग में हुआ तनाव 20 दिन बाद भी खत्म नहीं हुआ। लिहाजा लड़का नपुंसक हो गया।

नपुंसक दूल्हे राजा से परेशान दुल्हन अपने मायके चली गई। हालांकि लड़केवालों ने किसी तरह मान मनौवल करके दुल्हन को वापस बुलाया। हालांकि इसके बाद भी कई दिनों तक दूल्हे की हालत में सुधार नहीं हुआ तो पत्नी ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया और वहां से खुद भाग गई। फिलहाल मौजूदा समय में लड़के की स्थिति सामान्य है, लेकिन एक समस्या उसके साथ आजीवन बनी रहेगी कि वह संतान की उत्पत्ति तो कर सकता है, लेकिन पेनिस का तनाव कभी खत्म नहीं होगा। लिहाजा पब्लिक प्लेस में जाने के लिए उसे लंगोट या फिर किसी टाइट कपड़े को पहनना पड़ेगा, ताकि पेट के सहारे गुप्तांग को छुपाया जाए।