क्या खत्म हो जाएगी AAP !
आम आदमी पार्टी खत्म होने के कगार पर है! हर बार की माफिक अगर इस बार भी (हम मीडीया की माने तो) आम आदमी पार्टी पूरी तरह से खत्म हो ही जाएगी!
क्या नहीं मानते आप की आम आदमी पार्टी खत्म हो जाएगी? जरूर हो जाएगी! जरा याद कीजिए अब तक कितनी बार आम आदमी पार्टी खत्म हो चुकी है?
क्या आपको याद है जब जनलोकपाल आंदोलन असफल रहा तो अरविंद केजरीवाल ने राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया था और तब अन्ना हजारे ने भी ऐसा करने में हामी भरी थी लेकिन अचानक अन्ना हजारे ने पलटी मार दी और उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक पक्ष नहीं बनाना चाहते – और मीडिया में आम आदमी पार्टी जन्म से पहले ही खत्म हो गई!
फिर दिल्ली में चुनाव हुए तो मीडिया में यह कहा गया कि आम आदमी पार्टी में शायद अरविंद केजरीवाल अपनी डिपॉजिट बचा ले बाकी कोई जीतने वाला नहीं है! कुछ भले मीडिया हाउसेस ने आम आदमी पार्टी को अपने सर्वे में 6 सीट आती हुई दिखाई तब भी बोला गया कि आम आदमी पार्टी अब खत्म हो चुकी है लेकिन आम आदमी पार्टी को पहले चुनाव में ही ऐतिहासिक 28 सीटें मिली और कांग्रेस ने राजनीति खेलते हुए आम आदमी पार्टी का बाहर से समर्थन किया!
जब कांग्रेस ने समर्थन वापस लेकर सरकार गिरा दी तो बोला गया कि आप आम आदमी पार्टी खत्म हो जाएगी! फिर महीनों तक चुनाव रोका गया अरविंद केजरीवाल को भगोड़ा बोला गया और ना जाने क्या-क्या प्रकार के आरोप अरविंद केजरीवाल पर लगाए गए
इस सब के दरमियान पार्टी के कुछ लोग जब भी पार्टी को अपने स्वार्थ के चलते छोड़ने लगे तो मीडिया ने एक ही हेड लाइन देख ली थी थी की आम आदमी पार्टी बिखर गई है खत्म हो गई है! मामला बिन्नी का हो या शाजिया इल्मी का – हर बार आम आदमी पार्टी खत्म हो गई!
लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की और तो और दिल्ली में भी करारी हार हुई! उस वक्त भी पार्टी खत्म हो गई! लेकिन फिर भी चुनाव में आम आदमी पार्टी को दिल्ली की जनता ने ऐतिहासिक समर्थन दिया और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चला एक बार फिर पार्टी खत्म हो गई जब पार्टी के पुराने साथी योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया!
इसी तरह से पंजाब का चुनाव हुआ जिससे की पार्टी को बहुत उम्मीद थी लेकिन उम्मीद के मुताबिक पार्टी का परिणाम नहीं आया भले ही यह गौरतलब है कि आपने पहले चुनाव में ही पार्टी पंजाब में मुख्य विपक्ष दल के रूप में उभरकर आई जोकि अपने आप में एक ऐतिहासिक बात है लेकिन फिर भी पार्टी (मीडिया की माने तो) उस वक्त भी खत्म हो गई!
इस तरह से न जाने कितनी बार और बार बार पार्टी मीडिया में खत्म हो रही है लेकिन यह पार्टी है कि सच में खत्म होने का नाम नहीं लेती! दरअसल बात यह है कि आम आदमी पार्टी खत्म नहीं हो रही होती लेकिन आम आदमी पार्टी जिन ताकतों को चुनौती दे रही है वह ताकते यह सपना देखती रहती है कि काश आम आदमी पार्टी खत्म हो जाए!
ऐसी ताकतों को यह समझ लेना चाहिए कि आम आदमी पार्टी ऐसे लोगों से नहीं बनी है जो कि अपना राजनीतिक करियर बनाने आए हो।
आम आदमी पार्टी उन लोगों का समूह है जो कि देश बदलने आए हैं यह वह लोग है जो कभी हार नहीं मानते यह वह लोग हैं जो राष्ट्रवाद का दिखावा नहीं करते लेकिन इनमें कूट कूट के राष्ट्रवाद भरा पड़ा है। यह वह लोग हैं जो तन मन धन से देश की व्यवस्था को बदलने के लिए लगे हुए हैं! यह लोग उसी नस्ल के हैं जिन्होंने कभी जिसका सूरज नहीं डूबता था ऐसे अंग्रेजों को इस देश से भगाया था!
शायद विरोधियों को और मीडिया वालों को यह अंदाजा नहीं है कि इनका पाला कैसे लोगों से पड़ा है ! आखिर सांस तक लड़ने वाले लोग हैं ये!
हां यह हो सकता है कि राजनीतिक लड़ाई लड़ते लड़ते आम आदमी पार्टी के नेतृत्व से कुछ भूल हो जाए, कुछ गलत लोग इसमें घूस जाए, लेकिन पार्टी की नीयत साफ है और इसलिए जब भी, जितनी भी बार पार्टी खत्म हो चुकी है पार्टी फिर से खड़ी हुई है!
पार्टी से जुड़े हुए लोग यह जानते हैं कि व्यवस्था परिवर्तन की यह लड़ाई बहुत लंबी लड़ाई है शायद उनके जीवनकाल में यह काम हो पाए या ना भी हो पाए लेकिन यह बात जरूरी है कि वह लोग पूरा जीवन इस लड़ाई को समर्पित करें इसलिए जब तक आम आदमी पार्टी का एक भी समर्थक बाकी है आम आदमी पार्टी कभी मर नहीं सकती! आम आदमी पार्टी करोड़ो भारतीयों का सपना है!