कोरोना में कारगर हो सकती है होम्योपैथी दवा !

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Country's first corona patient again infected, got tested before returning to Delhi for studies

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड-19 के चलते हमारा ध्यान एकीकृत स्वास्थ्य प्रबंधन की तरफ आकर्षित हुआ है। डॉ. जितेंद्र सिंह, ब्रह्मऋषि दूधाधारी बर्फानी अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान हरिद्वार के प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे, जिन्होंने केंद्रीय मंत्री के समक्ष कोविड-19 के उपचार हेतु होम्योपैथी शोध पर आधारित एक प्रस्ताव से जुड़ी प्रस्तुति दी। इस प्रस्ताव के मुताबिक संस्थान द्वारा विकसित होम्योपैथी दवा कोरोना वायरस के विरुद्ध कारगर हो सकती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस प्रस्ताव में किए शोध के दावों के मूल्यांकन और पुष्टिकरण के लिए इसे आयुष मंत्रालय को अग्रेषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव और इलाज को लेकर दुनिया भर में अनेक शोध एवं अध्ययन हो रहे हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोविड-19 से लड़ने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की सभी चिकित्सा पद्धतियों (आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, योग क्रियाएं या नेचुरोपैथी) को सबसे ज्यादा लोकप्रियता उस समय प्राप्त हुई जब विश्व कोविड-19 की गिरफ्त में आया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा की विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के एकीकरण से विविध प्रकार की बीमारियों और विकारों के उपचार में अहम बदलाव आ सकता है, उपचार विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों या किसी एक चिकित्सा पद्धति के द्वारा हो सकता है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि नरेन्द्र मोदी ने जब से प्रधानमंत्री के रूप में देश की सत्ता संभाली है, उनका प्रयास रहा है कि चिकित्सा प्रबंधन में स्वदेशी तंत्र को अधिक से अधिक महत्व दिया जाए और चिकित्सा जगत में स्वदेशी को केंद्र में लाने में वह सफल रहे। यह उन्हीं का प्रयास था कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने सर्वसम्मति से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पास किया और आज वर्चुअल माध्यम से योग दुनिया के प्रत्येक घर तक पहुंच गया है। स्वदेशी व्यवस्था को महत्वपूर्ण मानते हुए ही चिकित्सा प्रबंधन के वैकल्पिक तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से ही आयुष मंत्रालय का गठन किया, इसका श्रेय भी प्रधानमंत्री मोदी को जाता है।