सफल स्टार्टअप की शुरुआत और उसका विकास कैसे करें?
नई दिल्ली। आज के समय में जब उद्यमिता की स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है और साथियों, निवेशकों, मेनटॉर, इनक्यूबेटर्स, सरकार और कॉरपोरेट्स की पारिस्थितिकी का तेजी से विकास हो रहा तो यह स्टार्ट अप के लिए अच्छा मौका है और इससे बेहतर समय कभी नहीं रहा। हालांकि, स्टार्टअप की नाकामी का दर बहुत ज्यादा, 90% तक है और ~ 80% शुरू के 18 महीनों में ही बंदी की स्थिति में पहुंच जाते हैं। स्टार्टअप इकोसिस्टम की चुनौतियों का ख्याल रखते हुए पेश की गई पुस्तक ‘द स्टार्ट अप लांचबुक’ में बुनियादी तौर पर दुरुस्त और निवेश करने योग्य स्टार्टअप के लिए सोची समझी योजना मुहैया कराई गई है।
आज बड़ी संख्या में युवा रोजगार देने वाला बनने कीशिश में हैं न कि रोजगार तलाशने वाले हैं। ऐसे में यह पुस्तक नए उद्यमियों को सफलता के रास्ते पर ले जाने के मार्ग दर्शन के लिए सही समय पर पेश की गई है। यह पुस्तक भारत में अपनी तरह की पहली पुस्तक है और स्टार्टअप के परिणाम बेहतर करने में सहायता करती है। संस्थापकों, इंक्यूबेटर्स और निवेशकों को इस योग्य बनाती है कि वे अपने निवेश पर ब्याज की बेहतर दर प्राप्त कर सकें। स्टार्टअप इंडिया, अटल इनोवेशन मिशन और आत्मनिर्भर भारत पर नए सिरे से राष्ट्रीय फोकस के साथ यह पुस्तक सही समय पर आई है ताकि अगली पीढ़ी के संस्थापकों के सपने पूरे कर सके।
उद्यमी और एंजल निवेशक, वाधवानी वेन्चर फासट्रैक के ईवीपी अजय बत्रा ने इस पुस्तक को लिखने का निर्णय उन लोगों के लिए लिया जो उद्यमिता को आजमाना चाहते हैं। इस पुस्तक में स्टार्ट अप मैच्यूरिटी मॉडल (Startup Maturity Model©️ – एसएमएम), के बारे में बताया गया है और इससे प्रेरणा ली गई है। यह दुनिया भर का पहला मैच्योरिटी फ्रेमवर्क है जो बेजोड़ स्टार्ट अप की शुरुआत से जुड़ी कला, विज्ञान और प्रैक्टिस को संतुलित करता है। एसएमएम के अनूठे पांच स्तर के आर्किटेक्चर से स्टार्ट अप की शुरुआत करने वाले अटकलों से मुक्त हो सकते हैं और वे एक अभिनव तथा स्केलेबल स्टार्टअप की शुरुआत के लिए सुझाव मान सकते हैं।
इस पुस्तक से जुड़ी प्रेरणा का खुलासा करते हुए वाधवानी वेंचर फासट्रैक के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट अजय बत्रा ने कहा, “गुजरे दशक के दौरान जब मैं स्टार्ट अप निवेशक और मेनटॉर बना तबसे मुझसे स्टार्ट अप शुरू करने से संबंधित बुनियादी सवाल बार – बार पूछे गए हैं। हरेक स्थिति में उपयुक्त जवाब देने के बाद मैंने महसूस किया कि स्टार्ट अप शुरू करने में बहुत सारी चीजें अस्थिर हैं। शुरू करने की इच्छा रखने वाले लोगों को अगर व्यावहारिक तरीका बताया जाए तो उनकी अच्छी सेवा हो सकेगी। इसके लिए लक्ष्य, शुरुआत की योजना, उसका ट्रैक रखना और विकास यात्रा सब महत्वपूर्ण है। यह भी स्पष्ट है कि आगे बढ़ने के लिए स्टार्ट अप को उत्पादों से आगे सोचने की आवश्यकता है और एक समग्र बुनियाद तैयार करने की जरूरत है। इसलिए एसएमएम और इस पुस्तक का आईडिया बना।
स्टार्टअप्स : इनका लाभ उठाइए
· स्पष्ट उपलब्धियों के साथ लांच रोडमैप का पालन करके समय धन की बचत कीजिए
· ऐसे उत्पादों और सेवाओं का निर्माण कीजिए तो वैध ग्राहकों की आवश्यकताएं पूरी करते हैं
· सिर्फ शुरू करने पर ध्यान न देकर लंबे समय तक चलने वाली कंपनी बनाएं।
· किसी भी समय अपने स्टार्टअप की परिपक्वता का आकलन कीजिए
स्टार्टअप्स: इन तकलीफों से बचिए
· “समाधान बनाकर समस्या तलाशने” वाले रुख और हताशा
· सह-संस्थापकों के बीच विवाद और गलतफहमी
· कम राजस्व और विकास संभावना वाले आईडिया पर काम करने से जुड़ी चिन्ता
· स्टार्टअप के उद्देश्य और शक्तियों के संबंध में स्पष्टता के बिना वाह्य धन के पीछे पड़ना
उन्होंने कहा कि “एक उद्यमी की यात्रा में स्टार्टअप लांचबुक एक गाइड के रूप में काम करता है। यह एक ऐसा वर्कबुक है जो टूल्स और टेम्पलेट मुहैया कराता है ताकि सामग्री के साथ व्यस्त रहा जा सके और इसका पता व्यक्ति की प्रगति से चले। इससे स्टार्ट अप शुरू करने की मुख्य अवधारणाएं स्पष्ट होती हैं और इन्हें उदाहरणों के साथ बताया गया है। केस स्टडी से सफल उद्यमियों की कहानी का पता लगाते हुए यह सब करने का उद्देश्य नए उपक्रमों की सहायता करना है।