असाधारण खिलाड़ी भी नेता बन सकते हैं

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारत में खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि लोगों को तनाव मुक्त जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए खेल, योग या फिर किसी अन्य शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाना चाहिए। नायडू पंजाब विश्वविद्यालय को वर्ष 2020 के लिए लगातार दूसरी बार खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रतिष्ठित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी जीतने पर बधाई भाषण दे रहे थे।

उन्होंने स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को सक्रिय रूप से खेलों को और अधिक बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया। नायडू ने पंजाब विश्वविद्यालय के अधिकारियों को इस ट्रॉफी के लिए संक्षिप्त नाम के उपयोग नहीं करने की हिदायत दी, बल्कि उन्हें हमेशा इसे मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी के रूप में उल्लेख करने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि छात्रों को अपना आधा समय कक्षाओं में और शेष आधा वक़्त मैदान में बिताना चाहिए। मैदान से उनका तात्पर्य खेल मैदान, कृषि क्षेत्र और सामाजिक क्षेत्र से है। उपराष्ट्रपति ने शैक्षणिक प्रतिभा के साथ-साथ खेल उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय के प्रशिक्षकों, प्रबंधन, कर्मचारियों और छात्रों की काफी सराहना की।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे युवाओं को अस्वास्थ्यकर आहार और आरामतलब जीवनशैली के खतरों से अवगत कराना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। नायडू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “फिट इंडिया अभियान” की सराहना की और कहा कि यह निश्चित रूप से लोगों को फिट और स्वस्थ रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा। नायडू ने कहा कि खेल और खेल संबंधी अन्य गतिविधियां हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और ये हमारी शारीरिक फिटनेस में सुधार करती हैं।

उन्होंने कहा कि खेल हमारी संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करता है और समूहिक खेल हमारे सामाजिक कौशल को बढ़ाते हैं। खेल एकरूपता का दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि यह संतुलन बिना किसी कटुता, कुंठित इच्छा या कुत्सित भावना के असफलताओं और बाधाओं को स्वीकार करने के लिए आवश्यक है। नायडू ने कम उम्र से ही खेल प्रतिभाओं की पहचान करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।