यूक्रेनियन कोच से ट्रेनिंग लेकर शरद ने देश को दिलाया कांस्य

भोपाल। टोक्यो पैरालिंपिक में भारतीय एथेलेटिक्स टीम का प्रतिनिधित्व कर देश को कांस्य पदक दिलाने वाले बिहार के खिलाड़ी शरद कुमार की भोपाल में हुई अन्तिम ट्रेनिंग ने उनकी सफलता का मार्ग प्रशस्त किया। पैरा एथलीट शरद कुमार ने टोक्यो पैरालिंपिक में भागीदारी से पूर्व एक महीने टी.टी. नगर स्टेडियम में यूक्रेनियन कोच निकितिन के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग की और लॉन्ग जंप की बारीकियां सीखी। उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में देश को कांस्य पदक दिलाकर विश्व में भारत का गौरव बढ़ाया।

  • वर्ल्ड क्लास फेसिलिटी
    टोक्यो पैरालिंपिक में रवाना होने से पूर्व शरद कुमार ने संचालक खेल और युवा कल्याण पवन जैन से भेंट की तब खेल संचालक पवन जैन ने शरद कुमार को पैरालिंपिक में देश के लिए पदक जीतने की शुभ कामनाएं देते हुए उनसे पूछा था कि आप ट्रेनिंग के लिए पिछले एक महीने यहां रहे, आपने क्या महसूस किया और मध्य प्रदेश में कैसी खेल सुविधाएं हैं?
  • शरद कुमार ने बताया था कि मैं दिल्ली में अभ्यास कर रहा था। लेकिन भोपाल के मौसम और यहां की वर्ल्ड क्लास स्पोर्टस फेसिलिटी के बारे में कई खिलाडियों से सुन रखा था और यहां इतनी अच्छी खेल सुविधाएं देखकर मुझे और यूक्रेनियन कोच को काफी आश्चर्य हुआ। टी. टी. नगर स्टेडियम का नया ट्रैक वर्ल्ड के बेस्ट ट्रैक में शुमार है। यहां का जिम्नेशियम और थेरेपी रूम में उच्च स्तरीय सुविधाएं हैं। यहां जिस प्रकार एटलीट को डाइट सर्व की जाती है वैसी इंडिया में कहीं नहीं की जाती है। यहां का टेंप्रेचर भी टोक्यो से मिलता जुलता है जो मेरे लिए मददगार है। यहां मुझे खेल संचालक सहित समूचे स्टॉफ का सहयोग मिला। मैं लकी हूं कि मुझे ऐसी जगह ट्रेनिंग करने का अवसर मिला।
  • मध्यप्रदेश में खेलों के विकास और खिलाड़ियों को मिल रही उच्च स्तरीय खेल सुविधाओं को देखकर शरद कुमार काफी प्रभावित हुए थे। उन्होंने प्रदेश के खिलाड़ियों को उपलब्ध कराई जा रही वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स फेसिलिटी के लिए प्रदेश की खेल मंत्री मान. यशोधरा राजे सिंधिया के प्रयासों की भी सराहना करते हुए उन्हें ट्रेनिंग की अनुमति देने के लिए कृतज्ञता प्रकट की थी। साथ ही राजधानी भोपाल में की गई ट्रेनिंग के दौरान खेल विभाग से मिले सहयोग और उनके लिए की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा करते हुए खेल विभाग का आभार भी जताया था।
  • कई रिकार्ड हैं शरद के नाम
    शरद कुमार बिहार के मूल निवासी हैं। उनके अनुसार जब वह दो साल के थे उसी समय वह बाएं पैर से पोलिया के शिकार हो गए थे। तीन साल की उम्र में ही उनका नामांकन दार्जिलिंग के सेंट पॉल आवासीय स्कूल में कर दिया गया। शरद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद स्पर्धा में 2018 एशियाई पैरा खेलों में दो नए रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था। इसी तरह विश्व चैंपियनशिप में शरद कुमार ने ऊंची कूद में 1.90 मीटर की कूद के साथ रिकार्ड बनाया था। वर्ष 2016 के रियो पैरालंपिक में शरद कुमार छटवें स्थान पर रहे। एशियन पैरा गेम्स वर्ष 2014 और 2018 में दो स्वर्ण तथा आइपीसी वर्ल्ड चैंपियनशिप वर्ष 2017 में उन्होंने देश को रजत पदक दिलाया।