देवरिया को मशरूम हब बनाने में जुटे स्वतंत्र सिंह

सोनू सिंह | देवरिया

कोरोना काल में जहां तमाम लोगों की अजीविका पर संकट मंडराने लगा, वहीं इसी काल में देवरिया के एक किसान स्वतंत्र सिंह ने मिसाल पेश की है. धान, गेहूं की खेती छोड़ स्वतंत्र सिंह मशरूम की खेती करने में जुटे हैं. अपने साथ-साथ जिले के सैकड़ों किसानों को भी इसका प्रशिक्षण दे रहे हैं और उन्हें भी मशरूम उगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. स्वतंत्र सिंह का कहना है कि मशरूम की खेती से किसानों की आय दोगुनी ही नहीं, चौगुनी हो सकती है. 21 दिन में तैयार होता है मशरूम स्वतंत्र सिंह बताते हैं कि मशरूम की खेती हर किसान को करनी चाहिए।

इसकी उपज के लिए साल या महीने खपाने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसका उत्पादन महज 21 दिन में हो जाता है और दो सौ रूपये किलो बिकता है. उनका कहना है कि जिले के सैकड़ों किसान मशरूम उत्पादन करने लगे हैं, लेकिन उनका लक्ष्य देवरिया को मशरूम हब के रूप में स्थापित करने की है. इसके लिए उन्होंने पूर्वांचल मशरूम के नाम से कई जगहों पर स्टॉल लगा रखा है, जहां न केवल मशरूम बिकता है, बल्कि मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. जिला प्रशासन से मिला सहयोग कभी बड़े शहरों में काम करने वाले स्वतंत्र सिंह को मां बाप की सेवा के लिए देवरिया के भलुअनी ब्लॉक स्थित अपने पैतृक गांव लौटना पड़ा. यहां आकर उन्होंने एक दो साल धान गेहूं की खेती की, लेकिन उन्हें मनमाफिक रिटर्न नहीं मिला, जिससे वह काफी व्यथित हुए. इसके बाद उन्होंने जिले के कृषि भवन से संपर्क कर खेती किसानी पर चर्चा की. जहां से उन्हें मशरूम उत्पादन की जानकारी मिली, जिसके बाद स्वतंत्र सिंह ने गेहूं धान छोड़ कर मशरूम उत्पादन में जुट गए.

शुरूआत में मशरूम उत्पादन के बाद उसको बेचने में दिक्कतें आने लगी, फिर स्वतंत्र सिंह ने स्थानीय डीएम अमित किशोर से जनता दर्शन के दौरान मुलाकात की. जिसके बाद डीएम ने एटा के कुछ किसानों से संपर्क करने को कहा और मशरूम की मार्केटिंग की समस्या भी हल हो गई. मशरूम के लिए नहीं चाहिए एसी स्वतंत्र सिंह कहते हैं अधिकांश किसानों को यह भ्रम है कि मशरूम उत्पादन के लिए एसी या अन्य हाईटेक सुविधाओं की जरूरत पड़ती है, लेकिन ऐसा नहीं है. वह कहते हैं एक सामान्य किसान पराली में भी मशरूम का उत्पादन कर सकता है. इसके अलावा इसका उत्पादन हर मौसम में किया जा सकता है. हर मौसम के हिसाब से मशरूम की प्रजातियां उपलब्ध हैं. मशरूम का पकौड़ा और चाय स्वतंत्र सिंह ने देवरिया शहर में विकास भवन के गेट समेत कई चौक चौराहों पर मशरूम के पकौड़े और मशरूम पाउडर की चाय के स्टाल लगवा रखे हैं. जहां लोगों को 10 रूपए में मशरूम पकौड़ा और इतनी ही कीमत में चाय पिलाई जाती है.स्वतंत्र सिंह कहते हैं शादियों में भी अब लोग चाट फुलकी की जगह मशरूम पकौड़ा पसंद कर रहे हैं. यही कारण है कि शादियों में भी मशरूम पकौड़ा और चाय के स्टॉल की बुकिंग हो रही है|