3 तलाक़ पर कोई दख़ल ना दे, पर्सनल लॉ में कोई बदलाव नहीं

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लखनऊ:  लखनऊ में दो दिन से चल रही ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक रविवार को खत्म हो गई। बैठक खत्म होने के बाद बोर्ड ने दावा किया कि देश के ज़्यादातर मुसलमान पर्सनल लॉ में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं चाहते हैं। बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद राबे हसनी नदवी ने की।

बोर्ड ने कहा कि मुस्लिम दहेज के बजाए महिलाओं को संपत्ति में हिस्सा दें। तलाक़शुदा महिला की मदद की जाए। बोर्ड ने दोहराया कि वो तीन तलाक की पाबंदी के खिलाफ है। बैठक में बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर भी चर्चा हुई और बोर्ड ने कहा कि वो बाबरी मस्जिद मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेंगे।

बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक में कहा कि देश में पर्सनल लॉ पर कुछ इस तरह चर्चा होने लगी है कि उनकी अहमियत और उपयोगिता पर सवाल खड़े किए जाने लगे।


शरीअत के बारे में कोई जानकारी ना रखने वाले लोगों ने इस पर उंगली उठाना शुरू कर दिया है। ऐसे हालात में शरीअत का सही रूप देश के सामने रखने के लिए बोर्ड की जिम्मेदारी और बढ़ गई है।

मौलाना ने कहा कि मुल्क में मुस्लिम पर्सनल लॉ को लेकर बोर्ड द्वारा हाल में चलाए गए हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से मुसलमानों ने एक बार फिर यह बता दिया कि हिन्दुस्तान का संविधान इस देश के तमाम नागरिकों को अपने धार्मिक मामलों पर अमल करने की आजादी देता है और मुसलमान मर्द और औरतें शरई कानूनों में कोई भी बदलाव या हस्तक्षेप नहीं चाहते।

बोर्ड ने फिर से एक बार इस बात को साफ किया कि धार्मिक आजादी हमारा संवैधानिक अधिकार है और शरई मामलों में सरकार का हस्तक्षेप बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पर्सनल लॉ पर अमल करने की राह में कोई रुकावट न पैदा की जाए।

इससे पहले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था कि वो डेढ़ साल में तीन तलाक को खत्म कर देगा और सरकार इस मामले से दूर रहे।

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