प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद पंप के घर पर चला बाबा का बुलडोजर
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प्रयागराज। प्रयागराज में नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में एक्शन जारी है। प्रयागराज के अटाला इलाके में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने जावेद पंप को गिरफ्तार किया था। जावेद पंप की गिरफ्तारी के बाद अब प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी पीडीए भी एक्शन में आ गई है।
पीडीए ने जावेद पंप के घर पर नोटिस चिपकाकर उस खाली करने के लिए कहा था। अब भारी पुलिस बल जावेद के घर पहुंच गई है। बुलडोजर ने जावेद का घर ध्वस्त करना शुरू कर दिया है, बुलडोजर ने जावेद के घर का पहला दरवाजा तोड़ दिया है। बुलडोजर से जावेद के घर की बाउंड्री वाल भी गिरा दी गई है।
पुलिसकर्मी जावेद पंप के घर के अंदर दाखिल हुए हैं। घर के अंदर से पुलिसकर्मी सामान बाहर निकाल रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने मकान की पहली मंजिल पर पहुंचकर कुर्सियां और अन्य सामान भी नीचे फेंका। जावेद पंप के घर का दरवाजा अंदर से बंद था। सुबह से ही घर का कोई भी सदस्य बाहर नहीं आया था। पुलिस अधिकारियों ने पहले ही ये साफ कर दिया था कि यदि दरवाजा नहीं खुला, तब उस तोड़कर अंदर से लोगों को निकाला जाएगा।
मौके पर महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती गई है, जिससे अगर महिलाएं विरोध करें, तब उन्हें नियंत्रित किया जा सके। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी घर के अंदर मौजूद लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। मौके पर एक और बुलडोजर पहुंच गया है।
इसके पहले, पीडीए की ओर से चस्पा किए नोटिस में 12 जून को 11 बजे तक घर में रहने वाले सभी लोगों से अपना सामान हटाने के लिए कहा गया था। पीडीए की ओर से चस्पा नोटिस में कहा गया कि 12 जून को दिन में 11 बजे तक घर खाली कर दें जिससे अथॉरिटी अपनी कार्रवाई कर सके। कहा जा रहा है कि पीडीए की ओर से जावेद पंप के घर पर ये नोटिस रात के समय चस्पा की गई है।
प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से चस्पा किए गए नोटिस में अवैध निर्माण की बात कही गई है। नोटिस में कहा गया है कि अथॉरिटी से अनुमति लिए बगैर अवैध तरीके से भूतल और प्रथम तल का निर्माण हुआ है। इसके हलिए 10 मई 2022 को कारण बताओ नोटिस भी जारी की गई थी। 24 मई को सुनवाई की तिथि तय की गई थी लेकिन न तो जावेद या जावेद के अधिवक्ता ही उपस्थित हुए। इस लेकर कोई अभिलेख भी प्रस्तुत नहीं किए गए।
पीडीए की ओर से कहा गया है, कि 25 मई को भवन के ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किए गए थे, इस लेकर नोटिस भी चस्पा की गई थी। पीडीए की नोटिस में कहा है कि भवन को ध्वस्त कर 9 जून तक सूचित करने के लिए कहा गया था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।