आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारियों की मददगार रहीं रामरती देवी का निधन स्वतंत्रता आंदोलन में
क्रांतिकारियों की मदद करने वाले कुछ ऐसे भी लोग थे जो समय समय पर उन्हें आर्थिक रूप से सहयोग करते रहते थे. उन्हीं में से एक थीं भटनी ब्लॉक के खोरीबारी निवासी समाजसेवी स्व कमला राय की पत्नी रामरती देवी. रामरती देवी का मंगलवार को 96 साल की उम्र में निधन हो गया. देशप्रेमी इंडिया फाउंडेशन के सचिव व उनके सुपौत्र धीरज राय ने बताया कि रामरती देवी कुछ समय से अस्वस्थ थीं, चिकित्सकों के परामर्श पर घर पर उनकी देखभाल हो रही थी.
मंगलवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. धीरज राय ने बताया कि रामरती देवी उन महिलाओं में से थीं जिन्होंने गुपचुप तरीके से सेनानियों की मदद की. रामरती देवी ने आजादी की लड़ाई के दौरान आजाद हिन्द फौज में जाने वाले उनके देवर स्व. रामनगीना राय को उन्होंने बगैर किसी को भनक लगे न केवल आर्थिक मदद की, बल्कि उनके साथ गए अन्य लोगों के परिजनों का घर खर्च भी चलाया। जब तक ये सेनानी वापस नहीं लौटे तमाम सेनानियों के परिजनों की वह हर तरह से मदद करती रहीं। इसके अलावा साधु संन्यासियों की वेश भूषा में आने वाले क्रांतिकारियों की भी वह मदद करती रहीं। उन्होंने इन क्रांतिकारियों को न केवल पैसे दिए बल्कि गेहूं, धान, दाल आदि का भी प्रबंध करती थीं. धीरज राय बताते हैं कि उन्होंने हमेशा दान पुण्य किया। इस उम्र में भी वह दीन दुखियों की मदद में पीछे नहीं रहती थीं. उन्होंने आखिरी समय तक लोगों की मदद की.
रामरती देवी का अंतिम संस्कार, सरयू नदी के किनारे भागलपुर घाट पर किया गया. इस दौरान उनके पुत्र पूर्व बैंक मैनेजर श्री नारायण राय, जिला सहकारी बैंक देवरिया के पूर्व संचालक दयाशंकर राय, कमला राय सेवा संस्थान के अध्यक्ष यशवंत राय, खोरीबारी के पूर्व ग्राम प्रधान डॉ. मुनीन्द्र राय, अनिल राय, राज्य कर्मचारी संजय राय, ब्रजेश राय, नीरज राय, अनूप राय, उत्कर्ष राय, शगून राय, मुन्ना राय भगत आदि मौजूद रहे.