इस साल, गाजियाबाद में ‘सर्व-महिलाओं के नेतृत्व वाली’ दुर्गा पूजा होगी
माता की पूजा माताओं के द्वारा – इस स्लोगन से प्रेरित होकर, अपने प्रस्तुति वर्ष में
शालीमार गार्डन महिला सेवा समिति द्वारा ‘अनन्या नारी’ दुर्गा पूजा-२०२२ का आयोजन जो कि पूर्णतः महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। मां दुर्गा जो कि शक्ति का प्रतीक है, उनके आगमन का समारोह संस्था की सभी माताओं एवं बहनों द्वारा किया जाएगा। इस तरह का पहल पहली बार महिलाओं द्वारा दिल्ली एनसीआर एवं उत्तर भारत में आयोजित किया जा रहा है। इस दुर्गा उत्सव में चार महिला पंडिताइन एवं दो महिला ढाकी (ड्रमर) कोलकाता से आ रही है। सभी कार्यक्रम महिलाओं द्वारा किया जाएगा। प्रसाद एवं भोग वितरण समारोह भी महिलाओं द्वारा किया जाएगा ताकि महिला सशक्तिकरण का उदाहरण समाज के सम्मुख पेश किया जा सके।
अनन्या मां दुर्गा के १०८ नामों में से एक है जो कि सत्य की असत्य पर विजय एवं बुराई पर भलाई की जीत का प्रतीक है। आज जब पुरुष प्रधान समाज में नारी का शोषण उत्पीड़न अत्याचार एवं दुर्व्यवहार हो रहा है तो अनन्या नारी संस्थान ने दुर्गा उत्सव के सभी कार्यों को सभी महिलाओं के सहयोग से स्वयं करने का निर्णय किया। इस संस्थान में समाज के सभी क्षेत्रों की महिलाएं सम्मिलित हैं। इसमें शिक्षक, वकील, बैंक ऑफिसर, कंपनी प्रबंधक जैसे हैं, वैसे ही संगीतकार, चित्रकार, कलाकार और गृहिणी भी हैं।
समिति के अध्यक्ष श्रीमती पापरी चक्रवर्ती के अनुसार पूरी तरह से नया और अनूठा होने के कारण, आयोजन की व्यवस्था करना काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि मील के पत्थर बड़ी उम्मीदों के साथ निर्धारित होते हैं। इसलिए इस तरह के कार्यक्रम के लिए सबके समर्थन और सहयोग की आवश्यकता होती है। समिति के महासचिव श्रीमती सुमोना चक्रवर्ती ने कहा की सब को अपने परिवार और दोस्तों के साथ बैंक्वेट हॉल (बैंड बाजा बारात), १/२, राजेंद्र नगर सेक्टर २, साहिबाबाद, गाजियाबाद, यूपी में इस शुभ उत्सव में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हुए प्रसन्नता हो रही है। कार्यकारी समिति के सदस्यों के पतियों के अनुसार, अनन्या नारी के सुचारू संगठन को सुनिश्चित करने के लिए अपनी पत्नीयों का समर्थन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।समिति के सदस्यों ने कहा कि शालीमार गार्डन महिला सेवा समिति द्वारा १ से ५ अक्टूबर के बीच आयोजित इस दुर्गा उत्सव में अनन्या नारी द्वारा नारी शक्ति को प्रदर्शित करने का एक अनोखा उदाहरण पेश होगा।
इस कार्यक्रम में हर दिन सुबह ७ से १० बजे के बीच पूजा होगी और उसके बाद कुछ प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा। समिति की महिला कार्यकारी सदस्यों द्वारा भंडारा और प्रसाद वितरण भी शामिल होगा। शाम को कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों के पेशेवर कलाकार द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों आयोजित किया जाएगा जोकि दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देंगे।