किसी को गोली नहीं लगी, घिसटने, पिटाई और ब्रेन हेमरेज से हुईं 8 मौतें
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में मारे गए 8 लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट में बताया गया कि किसी की मौत शॉक लगने से तो किसी की हेमरेज से हुई है। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली लगने की बात नहीं कही गई है। सोमवार को इस हिंसा में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम किया गया था।
लवप्रीत सिंह (किसान) की घिसटने से हुई मौत। शरीर पर चोट के निशान मिले। शॉक और हेमरेज मौत की वजह। 2-गुरविंदर सिंह (किसान) की दो चोट और घिसटने के निशान मिले। धारदार या नुकीली चीज से आई चोट। शॉक और हेमरेज। 3-दलजीत सिंह (किसान) की शरीर पर कई जगह घिसटने के निशान। यही बनी मौत की वजह। 4-छत्र सिंह (किसान) की मौत से पहले शॉक, हेमरेज और कोमा। घिसटने के भी मिले निशान।
5-शुभम मिश्रा (बीजेपी नेता) की लाठी-डंडो से हुई पिटाई। शरीर पर दर्जनभर से ज्यादा जगहों पर चोट के निशान मिले। 6-हरिओम मिश्रा (अजय मिश्रा का ड्राइवर) इसकी लाठी-डंडों से पिटाई। शरीर पर कई जगह चोट के निशान। मौत से पहले शॉक और हेमरेज। 7-श्याम सुंदर (बीजेपी कार्यकर्ता) की भी लाठी-डंडों से पिटाई। घिसटने से दर्जनभर से ज्यादा चोटें आईं। 8-रमन कश्यप (स्थानीय पत्रकार) को शरीर पर पिटाई के गंभीर निशान। शॉक और हेमरेज से हुई मौत।
सोमवार को प्रशासन और किसानों के बीच समझौता हो गया। तय हुआ कि हिंसा में मारे गए चारों किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। साथ ही हिंसा में घायल हुए लोगों को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे। रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तय कार्यक्रम के तहत लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे।
उन्हें रिसीव करने के लिए गाड़ियां जा रही थीं। ये गाड़ियां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई गईं। रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे झड़प हो गई। बाद में ऐसा आरोप लगाया गया कि आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई।
किसानों की मौत के बाद मामला बढ़ गया और हिंसा भड़क गई। हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई। कुल मिलाकर इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो गई थी।