SP को झटका, सबसे युवा प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक का इस्तीफा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद सामाजवादी पार्टी को एक और झटका लगा है। सपा प्रवक्ता और पार्टी के युवा चेहरों में से एक पंखुड़ी पाठक ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यादव सेना के आरोपों के चलते यह फैसला लिया है। पार्टी के सबसे युवा चेहरा रहे पंखुड़ी पाठक ने पार्टी से इस्तीफा देने की जानकारी फेसबुक पोस्ट के जरिए दी।

उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि बड़े ही दुखी के साथ में सामाजवादी पार्टी को छोड़ने का फैसला कर रही हूं। यह मेरी जिंदगी के सबसे मुश्किल फैसलों में से एक है क्योंकि मेरे लिए यह पार्टी एक परिवार की तरह रही है।

पंखुड़ी ने आरोप लगाते हुए लिखा है, ‘एक विशेष समुदाय के लोग विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही मुझे निशाना बना रहे हैं। मैं बहुत लंबे समय से इन लोगों को अनदेखा करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अब सारी हदें पार हो चुकी हैं।

पंखुड़ी ने सामाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरा मानना था कि सामाजवादी पार्टी एक ऐसी पार्टी है जो कि सामाज के सभी तबकों का खयाल रखती है। लेकिन पार्टी के प्रति मेरा यह विश्वास अब पहले की तरह नहीं रहा।

एक ट्वीट के जवाब में पंखुड़ी पाठक ने लिखा कि मेरा लगातार अपमान हो रहा था तब क्या पार्टी के किसी भी व्यक्ति को मेरा साथ नहीं देना चाहिए था? मेरी मदद मांगने के बाद भी पार्टी की तरफ से साथ नहीं मिला।

पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश के यादव सेना नामक संगठन और पंखुड़ी पाठक के बीच काफी अनबन चल रही थी। पंखुड़ी ने ट्वीट करके बताया कि यह संगठन पार्टी को खत्म करने के लिए बनाया है। पंखुड़ी पाठक पार्टी की सबसे युवा प्रवक्ता थीं।

२४ साल की पंखुड़ी पाठक ने सामाजवादी पार्टी को ७ साल पहले ज्वाइन किया था। हाल के विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें पार्टी के प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई थी। पंखुड़ी पहले एसपी की छात्र इकाई का हिस्सा रही हैं।

२०११ में पार्टी में हुए बड़े बदलाव के बाद से ही उन्हें पार्टी के युवा चेहरे के तौर पर पहचान मिली। गौरतलब है कि पंखुड़ी दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज में हिस्ट्री की छात्र रही हैं। दिसंबर २०१२ में पंखुड़ी को पार्टी की युवा विंग का सचिव बनाया था।

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