बिना स्पर्म और अंडे के लैब में पैदा होंगे बच्चे
नई दिल्ली। अभी तक शिशु पैदा करने के लिए स्पर्म और अंडे (एग) की जरूरत होती थी। अब यह जरूरत खत्म होने जा रही है। एक ऐसी तकनीकी की खोज की गई है। जिसमें लैब में बिना स्पर्म और बिना अंडे के शिशु को विकसित किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि नवीन तकनीकी से मानव शिशु बिना स्पर्म या बिना ओवम के लैब में ही तैयार किए जा सकेंगे।
जो दंपत्ति इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं। नवीन तकनीकी से उन्हें शिशु पैदा करने में मदद मिलेगी। नवीन तकनीकी में ट्रांसजेंडर कपल्स के भी काम आएगी। इस नई तकनीकी का नाम आईवीजी (इन-विट्रोगेमेटोजेनेसिस) रखा गया है। कैलिफ़ोर्निया के स्टार्टअप, कंसेपशन और कई अन्य लेबोरेटरी इस शोध में शामिल हैं।
इस तकनीकी में इंसान के एग और स्पर्म को लैब के अंदर ही बनाया जाएगा। वैज्ञानिक किसी भी एडल्ट सेल से स्पर्म अथवा एग बनाने में सफल हो गए हैं। यह तरीका चूहों पर पूरी तरह से कारगर साबित हुआ है। आईबीजी तकनीकी में इंसान के खून या स्किन से कोशिका लेकर उसे रिप्रोग्राम करके विकसित करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसे
इंडयुस्ड प्लूरीपोटेंट स्टेम सेल्स भी कहा जाता है। इस तकनीकी से तैयार सेल्स को एग और स्पर्म में तब्दील किया जा सकता है। यह सब आईवीएफ तकनीकी से संभव हो गया है। 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। अन्य किसी कारण से गर्भ में भ्रूण कंसीव नहीं कर पाती हैं। उनके लिए इस तकनीकी के माध्यम से अब शिशु पैदा करना आसान हो गया है। इस तकनीकी से अब ट्रांसजेंडर भी अपने बच्चे पैदा कर सकेंगे।