भारत को रूस देगा कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है। मगर इस बीच अच्छी खबर है कि अगर सबकुछ सही रहा तो इसी साल रूस की कोरोना वैक्सीन भी भारत को मिल सकती है। भारत में जल्द ही रूस द्वारा निर्मित दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया जा सकता है।
इसके लिए रूस के डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड आरडीआईएफ और भारतीय कंपनी डॉ. रेड्डी लेबोरेट्रीज ने एक करार किया है। करार के तहत रूस भारतीय कंपनी को स्पूतनिक-वी वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक देगा। हालांकि, इसके पहले भारत में इस कोरोना वैक्सीन के क्लिनिकल परीक्षण का सफल साबित होना जरूरी है।
देश में स्पूतनिक-वी के क्लिनिकल ट्रायल सफल रहने और भारतीय दवा नियामकों से मंजूरी के बाद ही कंपनी इसकी खुराक खरीदेगी। डॉ. रेड्डी लेबोरेट्रीज के प्रबंध निदेशक जीवी प्रसाद ने एक बयान में कहा, हम भारत को वैक्सीन लाने के लिए आरडीआईएफ के साथ साझेदारी करके खुश हैं। चरण एक और दो के परिणाम सफल रहे हैं। हम भारतीय नियामकों की मंजूरी के लिए भारत में तीसरे चरण के परीक्षणों का आयोजन करेंगे। भारत में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में स्पूतनिक-वी टीका एक विश्वसनीय विकल्प हो सकता है।
आरडीआईएफ के अध्यक्ष किरिल दिमित्रीव ने कहा कि वैक्सीन एडिनोवायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित है। परीक्षण सफल रहने पर भारत में इस साल के अंत तक यह वैक्सीन मिलने लगेगी। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देशों में है। बता दें कि रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 अगस्त को स्पुतनिक-वी टीके को कोविड-19 के खिलाफ पहली वैक्सीन के तौर पर मान्यता दी थी।